Wednesday, 6 November 2013

Mukti Ke Marg

              - : मुक्ति मार्ग :-

१ . मारना चाहते हो तो बुरी इच्छायों को मारो 
२ . जीतना चाहते हो तो क्रोध और तृष्णा को जीतो 
३. खाना चाहते हो तो गुस्से को खाओ 
४. पीना चाहते हो तो ईश्वर भक्ति का शरबत पियो
५ . पहिनना चाहते हो तो नेकी कि जामा पहनो
६ .देना चाहते हो तो नीची निगाहें करके दो और भूल जाओ
७ . लेना चाहते हो तो माता पिता गुरु का आशीर्वाद लो
८ . जाना चाहते हो तो सत्संगो एवं स्वास्थप्रद स्थानो पर जाओ
९ .आना चाहते हो दुखियों कि सहायता को आओ
१० . छोड़ना चाहते हो पाप,घमंड ,और अत्याचार को छोडो
११ . बोलना चाहते हो सत्य और मीठे बचन बोलो
१२ . बनाना चाहते हो धर्मशाला पाठशाला गौशाला और तालाब बनाओ
१३ खरीदना चाहते हो तो प्रेम को खरीदो
१४ तोलना चाहते हो बात को तोलो और ठीक तरीके से तोलो
१५ देखना चाहते हो अपनी बुराइयों को दीखो
१६ सुनना चाहते हो तो ईश्वर कि प्रसंशा और दुखियों कि पुकार सुनो
१७ . भागना चाहते हो तो पराई निन्दा और परायी स्त्रियों से भागो

नोट : -यदि इतने कामो से भी शुख शांति और अंत में
स्वर्ग न मिले तो भगवान के दरवार में अपील कीजिये
आपकी जीत अवश्य होगी 


हरेन्द्र चंदेल 









Harendra Chandel 
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