Friday, 5 September 2014

प्यारी बेटी और पिता

"बेटी का अनोखा बयान "
बयान  ..!
प्यारे पापा ....
"बेटी " बनकर आई हु माँ बाप के जीवन में ,
बसेरा होगा कल किसी और के आँगन में ,
क्यों रब ने ये "रीत " बनाई होगी ,
"कहते" आज नहीं तो कल तू "पराई" होगी ,
" देकर  " जनम "पाल पोसकर " जिसने हमें बड़ा किया।
और "वक्त " आया तो  उन्ही हाथो ने हमें "विदा" किया
"टूट" के बिखर जाती हे हमारी "जिंदगी" वही
पर फिर भी उस "बंधन " में प्यार मिले "जरुरी " तो नहीं
क्यों " रिश्ता " हमारा इतना "अजीब " होता है
क्या बस यही "बेटियों " का "नसीब " होता है
क्या बस यही हम "बेटियों " का नसीब होता है
"पापा कहते "...
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बहुत "चंचल " बहुत
"खुसनुमा " सी होती है " बेटियां "
"नाजुक " सा दिल रखती है "मासूम " सी होती है "बेटियां "
"बात " बात पर रोटी है
"नादान" सी होती  ये प्यारी बेटियां
"रहमत " से " भरपूर "
"खुदा" की "नेमत " है "बेटियां "
"घर " महक उठता है
जब मुस्कुराती है ये "बेटियां "
"अजीब " सी "तकलीफ" होती है
जब "दूसरे "घर जाती है "बेिटयां "
घर लगता है सूना सूना "कितना रुला के " जाती हैं
ये प्यारी बेटियां
"ख़ुशी की एक "झलक "
"बाबुल " की "लाड़ली " होती है "बेटियां "
ये" हम" नहीं "कहते "
ये तो "रब " कहता है। .............
कि जब मैं बहुत खुश होता हु
तो " जनम " लेती है
"प्यारी सी  बेटियां "
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